कुशीनगर :: सीएचसी पर दलालों का दबदबा कायम, भ्रष्टाचार अन्वेषण एवं मानवाधिकार परिषद के सदस्य ने किया शिकायत

🔴 सीएम पोर्टल पर हुई शिकायत, विभागीय जिम्मेदार बने सुरदास।
डेस्क कुशीनगर केसरी, कुशीनगर। जनपद के रामकोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दलालों के इशारे पर बाहर के मेडिकल स्टोर्स से दवाओं की खरीदारी व जांच की चल रहे खेल थमने का नाम नही ले रहा है। वजह है शासनादेश के विपरीत वर्षो से कुण्डली जमाये बैठे सीएचसी अधीक्षक डाॅ. एसके विश्वकर्मा, जो खुद न सिर्फ बाहर की दवा लिखते है बल्कि एक प्रभावशाली दलाल भी पाल रखा है जो मेडिकल स्टोर्स से लगायत डायग्नोस्टिक सेंटर और अवैध हास्पिटलों से वसूली कर अपना और अपने साहब का तिजोरी भरता है। मीडिया द्वारा जनहित मे लगातार इस मुद्दे के उठाने के बावजूद विभाग-ए-जिम्मेदार की खामोशी के वजह से भ्रष्टाचार अन्वेषण एवं मानवाधिकार परिषद संस्था के सदस्य विष्णु कश्यप ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर कार्यवाही की मांग किया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराये गये शिकायत में विष्णु कश्यप ने लिखा है कि जनपद के रामकोला स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तकरीबन एक दशक से सीएचसी अधीक्षक डाॅ. एसके विश्वकर्मा कुण्डली जमाये बैठे है। इस सीएचसी से इनका मोह भंग न होने के पीछे इनके द्वारा बाहर के लिखी गयी दवाओं और जांच से प्रति माह प्राप्त होने वाले लाखो रुपये, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिवों में मोटी कमीशन और अवैध हास्पिटलों व डायग्नोस्टिक सेंटरो से होने वाली मोटी कमाई बतायी जा रही। पत्र में आगे लिखा है कि स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएचसी प्रभारी डाॅ. विश्वकर्मा के संरक्षण में फलफूल रहे दलाल करन यादव जो कहने के लिए तो एमवाईसी का ड्राइवर है लेकिन वह चालक कम, बल्कि यहां के अधीक्षक के लिए नोट छापने वाले मशीन से कम नही है। यहीं वजह है कि करन के मर्जी के बिना सीएचसी पर न तो कोई पत्ता हिलता है और न ही सीएचसी प्रभारी डाॅ विश्वकर्मा, करन के इच्छा के विपरीत जाकर कोई कार्य करते है। स्थानीय लोगों के इस आरोप में कितनी सच्चाई है इसके लिए जरूरी है निष्पक्ष जांच, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी स्पष्ट हो सके।
इस दौरान शिकायतकर्ता ने कहा कि बीते वर्ष किसी ने रामकोला सीएचसी पर दलालों का बोलबाला से संबंधित शिकायत साक्ष्य के साथ तत्कालीन सीएमओ डाॅ. सुरेश पटारिया से की थी तब मामले को संज्ञान लेते हुए 13 अप्रैल-2024 को तत्कालीन
सीएमओ डाॅ. पटारिया गमछा से मुंह बांधकर प्राइवेट वाहन से रामकोला सीएचसी पहुंचे थे पीछे से पुलिसकर्मी भी पहुंचे। मास्क लगाने के बाद डाॅ. पटारिया पर्ची काउंटर से पर्ची लेकर प्रभारी चिकित्साधिकारी डाॅ. एसके विश्वकर्मा के कक्ष में पहुंचे। पहचान छिपाए पूर्व सीएमओ डॉ. पटारिया ने पेट दर्द और बुखार की समस्या बतायी। इसके बाद डॉक्टर एसके विश्वकर्मा ने पर्ची पर पांच दवाएं लिखी। इनमें दो दवाएं बाहर की थीं। सीएमओ ने जब बाहर की दवा लिखने पर आपत्ति के जतायी तो इसके बाद डॉक्टर और कर्मचारियों ने पूर्व सीएमओ डाॅ. पटारिया को पहचान लिया। परिणाम स्वरूप सीएचसी और डॉक्टरों के आवास पर मौजूद दलालों में भगदड़ मच गई थी। उस दौरान पुलिस ने सीएचसी पर मौजूद दलाल करन यादव के एक सहयोगी को दौड़ाकर दबोच लिया, जबकि करन भागने मे सफल रहा। इसके बाद डाॅ. पटारिया ने प्रभारी चिकित्साधिकारी डाॅ एसके विश्वकर्मा की जमकर क्लास लगायी और दलालों को शह देने पर कार्यवाही की चेतावनी दी थी। इसके बाद भी रामकोला सीएचसी सें अधीक्षक के चहेते व मशहूर दलाल करन यादव का दबदबा कम नहीं हुआ है।
वहीं यहां कहना ना होगा कि पहली खबर छपने के बाद सीएचसी को अपने इशारों पर नचाने वाला सीएचसी प्रभारी डाॅ विश्वकर्मा का कथित ड्राइबर व स्थानीय स्तर पर दलाल के नाम से चर्चित करन यादव अखबार के दफ्तर पर आया जहां उसने पहले प्रकाशित खबरो को गलत व निराधार बताते हुए भौकाल टाइट करने का प्रयास किया लेकिन जब दाल नहीं गली तो कहा कि जिले के सभी पत्रकार उसके परिचित है वह होली, दीपावली व राष्ट्रीय पर्वो पर 72 पत्रकारों को सीएचसी से विज्ञापन देता है। इसका सारा इंतजाम वह खुद करता है। आपको भी समय-समय पर विज्ञापन मिलता रहेगा।