देवरिया :: घटिया ईट के साथ घटिया सामग्री का प्रयोग होने की आशंका बना जांच का विषय

🔴 नगरवासियों के निरीक्षण में चूक, बाजारों की पुरानी ईट लाकर, नए भवनों की फर्स और दीवार में प्रयोग बना चर्चा
नए भवन को बनाने में नई ईट का जोड़ा गया होगा पैसा बना होगा रसीद – सूत्र।
🔴 नए ईट के स्थान पर पुरानी ईट का इस्तेमाल कर सरकारी पैसों में गोल माल की स्थिती, पुरानी ईट का फोटो हुआ वायरल, तस्वीर साफ दिख रही – सूत्र।
डेस्क कुशीनगर केसरी, देवरिया। अथक प्रयास के बाद विधानसभा पथरदेवा में नगर पंचायत बना। नगर पंचायत बनने से लोगों में काफी उत्साह जगा। अब नगर पंचायत में तेजी से कार्य हो रहे हैं, जो सवालों घेरे में आ चुका है।
बताते चलें नगर पंचायत के पथरदेवा वार्ड नंबर 7 में अतिरिक कक्ष, आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल का कायाकल्प बदला जा रहा है। जिसके कार्य का स्थलीय निरीक्षण नगर वासियों के द्वारा जोर-शोर से बीते दिन किया गया है। वार्ड नंबर 1 अंबेडकर नगर में छठ घाट का सुंदरी करण कार्य भी तेजी से चल रहा है और इसके गुणवत्ता की जांच अधिकारी कम नगरवासी ज्यादा कर रहे हैं। इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एक खबर सामने निकल कर आ रही है जो चर्चा का विषय आज दो दिनों से बनाई हुई है। बाजार के बुद्धिजीवी लोग हो रहे कार्यो को देखकर चकित हैं और दबे जुबान चर्चा हो रही है कि सरकार ने जब विकास कार्यों को करने के लिए नई ईट का दाम जरूर भेजा होगा तथा नई ईट का रसीद भी बन रहा होगा, फिर पुरानी ईट आखिर क्यों फर्स पर तोड़ी जा रही है। पुरानी ईट का इस्तेमाल फर्स को बनाने तथा दीवार को जोड़ने में कराया जा है। सूत्रों का कहना है कि ईट पुरानी है तथा सड़क चौड़ीकरण होने के बाद जो नगर पंचायत में कबाड़ के तौर पर लोगों के द्वारा फेंके गए थे। उसी को उठाकर फर्स और दीवार में इस्तेमाल किया जा रहा है जो जांच का विषय बना हुआ है। सूत्र यह भी बताते हैं कि किये जा रहे निरीक्षण की वायरल तस्वीरों में ईटो में चुना और पुरानी मसाले लगे हुए हैं। लोगों को प्रतीत हो रहा है कि पुरानी ईट का इस्तेमाल कर बजट के रुपये में हेरा-फेरी करने की नई तैयारी की जा रही है। चर्चा यह भी है कि अगर इस प्रकार पुरानी ईंटों का इस्तेमाल होगा तो बन रहे भवनों के भविष्य क्या होगा ? वहीं नगर पंचायत के अनियमित कार्यो को लेकर नगर वासियों के द्वारा जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत विकास कार्यों की सूचना उपलब्ध कराने के लिए सूचना भी मांगी गई थी, लेकिन अभी तक नगर पंचायत के ईओ द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। जिसको लेकर सूचना मांगने वाले ने व्यक्ति ने ईओ नगर पंचायत के खिलाफ राज्य सूचना आयोग लखनऊ को सूचना उपलब्ध कराने के लिए अपील की गई है। सूत्रों का कहना है कि पूर्व में हुए नगर पंचायत के द्वारा कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए कोई सरकारी टेण्डर सूचना के आधार पर नहीं निकाली गई और सीधे लोगों की भर्तियां की गई है। वही बीते दिनों वायरल आय प्रमाण पत्र 20,500 रुपये की नगर पंचायत के द्वारा लेटरनपैड पर बनाई गई थी जो बिना जिलाधिकारी के लिखित आदेश व नियम को ताख पर रखते हुए नगर पंचायत के द्वारा आय प्रमाण पत्र जारी की गई थी, जो पूर्णरूप से नियम के विरुद्ध है। वहीं अब तक हुए नगर पंचायत में कार्यों को लेकर सवाल उठ रहे है तथा विधिक जांच की मांग की जा रही है। परन्तु अधिकारियों के मिली भगत से मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया जा रहा है। वहीं ऐसी खबरों को समाचार पत्र में प्रकाशित करने के बाद पत्रकार को तरह-तरह के मानसिक यातना देते हुए हाथ पैर तोड़ने तथा जान से मारने की योजना बनाई जा रही है। एक बार तो पत्रकार को नगर पंचायत पथरदेवा में घेर लिया गया था मारने के लिए लेकिन स्थानीय लोगों व सीसी टीवी कैमरा के चलते व स्थानीय पुलिस के सहयोग के द्वारा पत्रकार को सुरक्षित घर पहुचाया गया। ऐसी स्थिति में पत्रकार का काम होता है समय से हो रहे भ्र्ष्टाचार को उजागर करना लेकिन इस तरह के तानाशाह रवैये से पत्रकारों को डराया धमकाया का रहा है ताकि वह इस प्रकार की ख़बरों को उजागर न कर सके। अब देखना है योगी सरकार इस घटिया प्रकार के हो रहे विकास कार्य को जांच करवाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करती है या फिर भ्रष्टाचारियों को प्रोत्साहित करती है।