देवरिया :: भगवान नर्मदेश्वर की महिमा है आपार, शिव का आभारी है आज मिश्रा परिवार

🟣 अमूल्य, अलौकिक, अविष्मरणी, पूजनीय व दैवीय वस्तुओं की स्थापना करते हैं मंदिर अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव।
राजू प्रसाद श्रीवास्तव, कुशीनगर केसरी, देवरिया। विकास खंड पथरदेवा का वह गांव जो आजादी से लेकर पूर्व समयों में बदहाली की आंसू बहाने पर विवश था। यहां विकास नाम की कोई चर्चा पूर्व समयों में नही सुनी गई, हिंदुओं की आस्था का प्रतीक बना श्रीनर्मदेश्वर महादेव मंदिर जो आज इतिहास के पन्ने में अपना नाम अंकित कर चुका है। यहां की चमचमाती सड़कें, ईदगाह, ठाकुर मंदिर, पक्की मकान व ग्रामीणों के लिए दैनिक जीवन मे आने वाली समुचित व्यवस्था का प्रबंध होना, ईश्वरीय कृपा मानी जा रही है।
बता दें गरीब गाव में जन्मे सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव ने जो आज वर्षो से पिछड़े गाव को खून और पसीने से सींचने का कार्य करते हुए इंसानी आस्था को देखकर अपने गाव में अमूल्य, अलौकिक, अविष्मरणी, पूजनीय व दैवीय भव्य मंदिर का निर्माण कराया जो भगवान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के नाम से विख्यात हुआ।
बताया जाता है कि नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव ने अपने पिता को ग्राम प्रधान जब बनाया उस समय गाव में देखने योग्य विकास नहीं हुआ था। मात्र 4.5 वर्षो के समीप के कार्यकाल में सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव के पिता ग्राम प्रधान गिरजा लाल श्रीवास्तव का स्वर्गवास हो गया। स्वर्गीय गिरजा प्रसाद श्रीवास्तव के मृत्यु के पश्चात ग्रामीणों ने उपचुनाव में उन्ही के लोक प्रिय बेटे श्री उपेंद्र लाल श्रीवास्तव को गांव का सम्पूर्ण भार फिर सौप दिया। इस चुनावी लड़ाई में कई चुनौतीयो का सामना मंदिर अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव ने किया और अंतत फिर जीत हुई और ग्राम प्रधानी पक्ष में आ गई। स्वर्गीय गिरजा प्रसाद श्रीवास्तव के बड़े पुत्र धर्मात्मा के नाम से आज प्रसिद्ध हो चुके है। इनकी देख रेख में आज फिर एक और भव्य भगवान राम का मंदिर गांव में बन रहा है। जिसमें करोड़ा रुपये के खर्च है मंदिर का निर्माण कार्य सुरु हो गया है बीते 4 अगस्त 2025 को राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ। जिसमें हजारों – हजारों लोगों की भीड़ रही। बड़े से बड़े नेता मंत्री विधायक गांव के मंदिर का दर्शन किये और निर्माण हो रहे भगवान राम की मंदिर की सराहना की। आगे मंदिर अध्यक्ष सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव ने गांव से गरीबी को दूर रखने की भावना से सैकड़ों लोगों को नौकरियां अपने कम्पनी में दी। इसके साथ हीं साथ गांव में बड़े पैमाने पर लोगों को रोजी रोजगार से जोड़ने की और भी ईक्षा रखी है जो आने वाले समयों में सुखद अनुभव का दर्शन क्षेत्रवासियों को कराएगा। आगे जानकारी के मुताबिक भगवान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के स्थापना के बाद इस मंदिर में मुख्य पुजारी के रूप में आचार्य परमेश मिश्र को मंदिर की देख रेख के लिए रखा गया, जो अत्यंत ही गरीब थे। भगवान शिव की आराधना में लीन होकर मंदिर पुजारी परमेश मिश्र दिनों रात सेवा में उपस्थित रहते है उनके पुत्र आचार्य राजू मिश्र उनके साथ मंदिर के कार्यो में साथ देते है पिता पुत्र के अथाह प्रेम से नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में भक्तजनो का आगमन होता है। भक्तों की कृपा दृष्टि मंदिर के साथ मंदिर के पुजारी पर सदैव बनी रहती है। बताया यह भी जाता है कि आचार्य परमेश मिश्र बहुत लाचारी की जीवन अपने जीवन काल मे व्यतित किया परन्तु इस गरीबी में उन्होंने अपना साहस और हिमत को कभी नही छोड़ा, वह भगवान शिव के पूजा में लीन रहकर बच्चो का परवरिश किये और आज क्षण वर्षो के उपरांत उनके घर मे खुशियों की बारिश हो गई। शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चो में आज कुछ शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी पा गये, बच्चों के शादी के उपरांत बहु भी शिक्षा के क्षेत्र में ही नौकरी पाती मिली। मंदिर पुजारी परमेश मिश्र के तीन पुत्र हैं बड़े पुत्र प्रवक्ता डॉ0- अनूप मिश्र खामपार इंटर कालेज में कार्यरत है। द्वितीय पुत्र प्रवक्ता रंजन मिश्र हैं जो पश्चमी चौपारण में कार्यरत हैं तथा बहु आर्या मिश्र गोपालगंज बिहार में अध्यापिका पद पर नौकरी में है। तृतीय पुत्र (छोटे पुत्र) आचार्य राजू मिश्र अभी भी अपने पिता मुख्य पुजारी परमेश मिश्र के साथ नर्मदेश्वर महादेव मंदिर मेंदीपट्टी में भगवान शिव और भगवान राम की सेवा में जुटे हुए है । माना जा रहा है कि जल्द हीं आचार्य राजू मिश्र पर भी ईश्वर की कृपा की झमाझम बरसात होगी तथा वह भी एक दिन सफलता को हासिल करेंगे। महाकाल की कृपा से आज पुजारी परमेश मिश्र का परिवार कुशलता व सम्पन्नता की जीवन व्यतित कर रहा है।