देवरिया :: चलो गांव की ओर, गांव का स्वर्णिम विकास हमारा लक्ष्य – सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव

राजू प्रसाद श्रीवास्तव, कुशीनगर केसरी, देवरिया। नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के अध्यक्ष सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव का गांव के प्रति अहम भूमिका शुरु से रही है। गांव में विशाल यज्ञ करना, निर्धन कन्याओ का विवाह कराना, तथा गांव को सफल विकास के मार्ग पर ले जाना, उनकी पहचान बनी हुई है।
बता दें विकास खंड पथरदेवा में मेंदीपट्टी ग्रामसभा आज ऐतिहासिक छाप समाज सहित देश व विदेश में छोड़ रहा है। जहां मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार का पूर्व काल में आगमन भी हो चुका है एवं नर्मदेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना के बाद पूजा पाठ भी किया गया। आज यह मंदिर सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश सहित देश विदेश में विख्यात हो गया है। यहां तक कि इस गांव के ग्राम प्रधान रहे स्वर्गीय गिरजा प्रसाद श्रीवास्तव के मृत्यु के पश्चात उनके सुपुत्र उपेंद्र लाल श्रीवास्तव के द्वारा फिर ग्रामसभा का देख रेख किया जा रहा है। मंदिर के अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव के दिशा निर्देश में गांव का स्वर्णिम विकास जोरों पर चल रहा है। इसके साथ हीं समाज के वे गांव जो विकास से दूर हैं उसके लिए भी मंदिर अध्यक्ष के द्वारा समाजसेवियों को प्रेरणा दी जा रही है कि वे अपनी जन्मभूमि पर लौट कर कुछ बड़ा बदलाव करे, इसके लिए मंदिर के अध्यक्ष के द्वारा एक प्रसिद्ध नारा दिया गया है, जो आज क्षेत्र में प्रसिद्धि को हासिल कर रहा है, चलो गांव की ओर.. यह नारा आज प्रत्येक महानुभाव को जागृत कर रहा है जो गांव को छोड़कर देश विदेश में बसे हुए हैं और शहरों में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्हें यह स्लोगन उनकी जन्मभूमि को याद दिला रही है कि गाव के लिए भी कुछ करना चाहिए। गांव के युवाओं के लिए आज प्रेरणा का स्रोत मंदिर के अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव का बन जाना इतिहास के पन्नों में अब अपना नाम दर्ज कर रहा है।
वहीं मंदिर के अध्यक्ष श्री श्रीवास्तव का मानना है कि गांव का विकास होगा तो देश का विकास होगा, तथा युवाओं को आत्म निर्भर बनाने का अवसर मिलेगा और उनके साथ हीं अन्य युवाओं में प्रेरणा की ज्योति जलेगी तथा वे भी दूर देश से चलकर गांव मे एक नया रोजगार जोड़कर गांव सहित देश का विकास करेंगे। श्री अध्यक्ष का यह भी मानना है कि अपनी जन्मभूमि को छोड़कर जो लोग विदेश में विकास कर रहे हैं, वे गांव की तरफ रुख करें तथा गांव को एक नई दिशा दें, ताकि प्रत्येक गांव विकास के पथ पर चले और सबका विकास हो।
वहीं कुशीनगर केसरी से एक वार्ता के दौरान मंदिर के अध्यक्ष सुरेंद्र लाल श्रीवास्तव ने बताया कि उनके द्वारा दी गई इस नारे में देश के युवाओं को आत्म निर्भर बनने की प्रेरणा दी गई है। इसमें कोई राजनीतिक विवेचना नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर इस नारे से राजनीति में चर्चा का हलचल मचा है तो हर किसी का अपना-अपना सोच है। हमारे इस स्लोगन(चलो गांव की ओर) का अगर ईश्वरीय कृपा राजनीति में हो रही है तो यह दूर दिन के बाद तय कर सकता है। जिसका समय आने पर विचार विमर्श किया जाएगा, फिलहाल इस राजनितिक चर्चे का कोई मतलब अभी नही है। वहीं वार्ता के बाद यह निष्कर्ष निकल कर आई कि समाजसेवी मंदिर अध्यक्ष श्री श्रीवास्तव का सिर्फ युवाओं व समाजसेवियों के प्रति इशारा है कि गांव में वह सब कुछ विकास हो जिससे गांव विकसित हो सके। एक कड़ी शहरों से जुड़ सके। यह मात्र एक प्रेरणा है जो प्रत्येक व्यक्ति युवाओं को सोचने पर मजबूर कर सकता है। अक्सर देखा भी गया है कि कई करोड़पति लोग बाहर जाकर गांव को भूलते जा रहे हैं। वे गांव के हित में कुछ नहीं कर रहे हैं वे अपनी जन्मभूमि को धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं। उनके लिए मंदिर के अध्यक्ष का समर्पण की भावना तथा प्रेरणा का स्रोत यह नारा बन रहा है। गांव से गए सभी विदेश निवासियों शहरी निवासियों को जो अपनी धरती छोड़ चुके हैं, उनको फिर गांव का याद दिलाना हीं मात्र मंदिर अध्यक्ष का लक्ष्य है, जो देश विदेश में अपनी कृति को बढ़ा रहे हैं, उन्हें यह प्रेरणा है कि वे गांव की तरफ रुख करें और गांव में युवाओं के लिए बड़ा कार्य करें। मंदिर के अध्यक्ष श्री श्रीवास्तव के स्लोगन के बैनर से क्षेत्र के कुछ लोग चुनावी रूप देकर चर्चा कर रहे हैं। परन्तु यह सिर्फ फिलहाल एक मन का भरम मात्र है तथा किसी भी जनप्रतिनिधियों के प्रति कोई विकास कार्य को लेकर खेद नही है।