देवरिया :: ज्ञान, धैर्य, क्षमा और त्याग के प्रतीक हैं शिव

🛑मेंदीपट्टी मंदिर में सावन पर शिव का दिखेगा अलौकिक स्वरूप।
राजू प्रसाद श्रीवास्तव, कुशीनगर केसरी, देवरिया। सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई शुक्रवार से आरंभ हो रहा है। क्षेत्र के सभी शिवालय सज गए है। शिवभक्तों के लिए दिन शुक्रवार को क्षेत्र के सभी देवालयों के दरवाजे खुल रहे हैं। इस दौरान भक्तजनो की लंबी कतारें लगेगी और शिवलिंग पर भक्तजनों के द्वारा श्रद्धा के साथ जलाभिषेक किया जाएगा। सावन का यह माह बहुत बहुत पवित्र माना जाता है भक्तजन अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए शिव दरबार मे उपस्थित होकर शिव की आराधना करते है और भगवान शिव उनकी महत्वकांक्षा को पूर्ण करते है।
वहीं जिलापंचायत सदस्य सुजीत प्रताप सिंह ने बताया कि शिव की महिमा अनंत है। और पुराणों में उन्हें ‘संहारक’ और ‘कल्याणकारी’ दोनों रूपों में दर्शाया गया है। उन्हें ‘महादेव’ भी कहा जाता है, जो सभी देवताओं में महान हैं। शिव की महिमा उनकी लीलाओं, गुणों और भक्तों के प्रति प्रेम में दिखाई हमेशा दिखाई देती है।
शिव की महिमा का गुनगान करते हुए पथरदेवा चेयरमैन- क्रांति सिंह ने बताया कि शिव संहारकर्ता है। शिव को ‘संहारक’ कहा जाता है, क्योंकि वे प्रलय के समय सृष्टि का संहार करते हैं। यह संहार, विनाश नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत के लिए आवश्यक होता है।
मण्डल अध्यक्ष भाजपा पथरदेवा जीपु शाही ने बताया कि शिव कल्याणकारी है। जो अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते है।
पूर्व मण्डल अध्यक्ष पथरदेवा संजय सिंह ने बताया कि शिव को महादेव कहा जाता है। जो सभी देवताओं में महान हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता यूगुल किशोर तिवारी ने बताया कि शिव को योगेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। शिव ‘योगेश्वर’ हैं, जो योग और ध्यान के स्वामी हैं।
ग्राम प्रधान अध्यक्ष पकहा मुरारी मोहन शाही ने बताया कि शिव भक्तवत्सल है।शिव अपने भक्तों से बहुत प्रेम करते हैं। वे अपने भक्तों की छोटी से छोटी प्रार्थना भी सुनते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
भाजपा नेता- कुँवर राय ने बताया की अनन्त लीलाएं है। जिसमे समुद्र मंथन में जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तो कालकूट नामक विष निकला। शिव ने उस विष को पीकर संसार को बचाया।
वहीं मंदिर अध्यक्ष समाजसेवी – सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव ने शिव की लीलाओं को विस्तृत रूप से वर्णन करते हुए बताया कि शिव ने गंगा का अवतरण किया । गंगा नदी को स्वर्ग से धरती पर लाने के लिए, शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया। उन्होंने बताया कि दक्ष यज्ञ का विध्वंस किया। शिव ने दक्ष के यज्ञ का विध्वंस किया, क्योंकि दक्ष ने शिव का अपमान किया था। शिव ने
भस्मासुर का वध किया। उन्होंने बताया कि शिव ने भस्मासुर को वरदान दिया था, लेकिन भस्मासुर ने उस वरदान का दुरुपयोग करने की कोशिश की। शिव ने तब भस्मासुर का वध किया।
क्षेत्र के शिव भक्त – विनोद सिंह कुशवाहा, रविन्द्र कुशवाहा, रामायन शाहनी, वरिष्ट नेता भाजपा- दयाशंकर शास्त्री, सरोज कुमार मिश्र, प्रभात सिंह, प्रेमचंद कुशवाहा, मुकेश यादव, देवेंद्र लाल श्रीवास्तव, महिवाल जायसवाल, ध्रुवदेव शाही, नवीन कुमार शाही, विभूति राय, नीलेश्वर राय, रमापति प्रसाद, सुरेश प्रसाद, मुन्ना यादव, रामबेलाश यादव, सहित तमाम श्रद्धालुओं ने शिव के गुण को बताते हुए कहा कि शिव ज्ञान के प्रतीक हैं। वे वेदों और उपनिषदों के ज्ञाता हैं। शिव बहुत धैर्यवान हैं। वे क्रोधित होने पर भी शांत रहते हैं। शिव क्षमाशील हैं। वे अपने भक्तों की गलतियों को माफ कर देते हैं। शिव त्यागी हैं। वे सांसारिक सुखों का त्याग करके तपस्या करते हैं। इस प्रकार
शिव की महिमा शिव पुराण में शिव की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। लिंग पुराण में शिव के लिंग रूप और उनकी श्रेष्ठता का वर्णन है। शिव स्तोत्र में जैसे शिव महिम्न स्तोत्र, में शिव की महिमा का गान किया गया है। अंत मे नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के आचार्य राजू मिश्र ने बताया कि शिव की महिमा अपरंपार है। वे न केवल संहारकर्ता और कल्याणकारी हैं, बल्कि वे ज्ञान, धैर्य, क्षमा और त्याग के भी प्रतीक हैं। वे अपने भक्तों से बहुत प्रेम करते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस सावन के अवसर पर मेंदीपट्टी में शिव का सुंदर स्वरूप देखने को मिलेगा शिवभक्तों के लिए मंदिर का गर्व गृह सजा दिया गया है तथा भगवान शिव का अलौकिक दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त सभी श्रद्धालुओं को होगा।