कुशीनगर :: एक भारत, श्रेष्ठ भारत के पोषक थे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी : शंशाक मणि

जावेद अख्तर, कुशीनगर केसरी, पटहेरवा, कुशीनगर। एक भारत, श्रेष्ठ भारत के पोषक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी विचारों को आगे बढ़ाने के लिये अपने जीवन को भी निछावर कर दिया। राष्ट्र निर्माण में उनके विचार व नीतियां वर्तमान सरकार की पथ प्रदर्शक है। केंद्र सरकार इन्ही नीतियों से विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर है।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मदिवस शताब्दी पर आयोजित संगोष्ठी “व्यक्तित्व व कृतित्व” पर बोलते हुये कही।उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसघ की स्थापना कर प्रखर राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाया।उन्होंने कहा कि भाजपा के हर कार्यकर्ता व नेता को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विचारों को आत्मसाक्ष्य करना चाहिये।विधायक सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने कहा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एकात्मक राष्ट्रवाद के पक्षधर रहे और इसके पूरा करने के लिये अपना बलिदान तक दे दिया।
इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. प्रेमचंद मिश्र ने बतौर मुख्य वक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा कि 1951जनसघ की स्थापना डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी और 1953 एक राष्ट्र व एक सविधन को लेकर कश्मीर यात्रा कूच की थी।लेकिन उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गयी थी, लेकिन अब भाजपा उनकी एक एक नीतियों को आत्मसाक्ष्य कर उन्हें पूरा कर रही है।धारा 370 कश्मीर से इसी नीति के तहत हटाया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय उपाध्याक्ष राधेश्याम पांडेय,अजय राय जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा,पूर्व मंडल अध्यक्ष कन्हैया शर्मा, श्रींनिवास राय,भृगुनाथ राव, धर्मेंद्र मणि त्रिपाठी,देवेंद्र राय आदि ने भी अपने विचार रखें।मंडल अध्यक्ष अमलेश तिवारी ने सभी अतिथियों को माल्यार्पण कर स्वागत की।जबकि अभिषेक तिवारी बिट्टू संगोष्ठी की संचालन की।