कुशीनगर :: स्थानांतरण के बावजूद रामकोला सीएचसी पर कुण्डली जमाये बैठे है डाॅ. आनन्द

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🔴 सीएमओ के आदेश पर भारी है डाॅ. आनन्द का रसूख, तीन वर्ष पूर्व डिप्टी सीएमओ का ले चुके है पदोन्नति।
🔴 एक दशक से अधीक्षक भी जमे है सीएचसी पर।

आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव, कुशीनगर केसरी, कुशीनगर। डाॅ. आनन्द प्रकाश गुप्ता का रामकोला सीएचसी से मोह भंग नही हो रहा है। इन्हें सीएचसी से इतना लगाव है कि एक-दो बार नही बल्कि चार बार स्थानांतरण के बाद भी वह रामकोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अंगद की पांव की तरह जमे हुए हैं। इसके पीछे वजह यह है कि डाॅ. आनन्द प्रकाश गुप्ता सीएचसी के ओपीडी में बैठकर बाहर की महंगी दवा लिखकर न सिर्फ मरीजों का शोषण कर रहे है बल्कि बाहर के मेडिकल स्टोर से मोटी कमीशन वसूलकर अपना तिजोरी भरने में जुटे है।
बताते चलें सरेआम जिक्र है कि जिले का रामकोला सीएचसी केन्द्र दलालों के गिरफ्त में है। वहीं यहां वर्षो से कुण्डली जमाये बैठे चिकित्सक अपने चहेते दलाल पाल रखे है। डिप्टी सीएमओ का वेतन ले रहे डाॅ. आनन्द प्रकाश गुप्ता भी इस लिस्ट में शामिल है। वहीं सूत्रों का दावा है कि पूरे सीएचसी पर सबसे ज्यादा संख्या मे इनके लोग हीं है। इन दलालों की संख्या में लगभग आधा दर्जन बतायी जा रही है जो सीएचसी पर न सिर्फ बाहर की महंगी दवा और जांच लिखवाते है बल्कि डाॅ. आनन्द के संरक्षण में मरीजों को सुई लगाने से लेकर बीपी नापने व बोतल चढ़ाने का कार्य बिना डिग्री का करते है। सूत्रो की माने तो डाॅ. आनन्द के छत्रछाया में पल रहे दलालों में दो ऐसे दो चहेते है जो अक्सर डाक्टर साहब के सरकारी आवास पर बेठे रहते है और जब किसी मरीज या उनके परिजनों से बाहर की दवा व जांच लिखने पर कोई विवाद होता है तो यह सभी सीएचसी पर पहुंचकर मारपीट करने पर उतारू हो जाते है। यह दलाल इस केन्द्र पर तब जमे है जब से वहा डाॅ. आनन्द तैनात है। यहीं कारण है कि सीएचसी पर इन दलालों का भी बोलबाला है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि डाॅ. आनन्द की रसूख चर्चा जगजाहिर है। यह इतने रसूख वाले है कि सीएमओ के आदेश को ठेंगा दिखाना इनके लिए चुटकी बजाने के खेल जैसा है। विभागीय सूत्र कहते है कि डाॅ. आनन्द के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रामकोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से इनका स्थानान्तरण एक-दो बार नही बल्कि चार बार हो चुका है, दो बार तो सीएचसी अधीक्षक ने उन्हें रिलीब भी कर दिया है, किन्तु डाॅ. आनन्द के प्रभाव के आगे उच्चाधिकारियों व विभाग-ए-हुक्मरान का आदेश भी हवा मे उड़ गया।
बता दें रामकोला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. आनन्द प्रकाश गुप्ता का पदोन्नति तकरीबन तीन वर्ष पूर्व, डिप्टी सीएमओ के पद पर हुआ है। इसके बावजूद डाॅ. गुप्ता रामकोला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर न सिर्फ तैनात हैं, बल्कि सीएचसी पर बतौर एमओ बैठकर मरीजों को दखते है। इसके पीछे डाॅ. गुप्ता की बेहतरीन प्रैक्टिस बतायी जाती है जिससे उनको प्रति माह लाखो रुपये कमाई होता है। सूत्रो के मुताबिक सीएचसी पर बैठकर डाॅ. आनन्द प्रकाश गुप्ता बाहर की दवा, बाहर की जांच लिखकर प्रति माह मोटी रकम कमीशन के रुप प्राप्त करते हैं इसके अलावा मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव द्वारा मनमाफी टूर्स व उपहार अलग से मिलता है।
स्वास्थ्य विभाग से जुडे सूत्रों का कहना है कि बार-बार स्थानांतरण के बावजूद सीएचसी पर जबरिया बैठे डाॅ. आनन्द प्रकाश गुप्ता का तकरीबन तीन वर्ष पूर्व डिप्टी सीएमओ के पद पर पदोन्नति हुआ था। पदोन्नति के बाद से हीं डाॅ. आनन्द डिप्टी सीएमओ के पद के अनुरूप वेतन भी ले रहे है और सीएचसी पर बतौर एमओ कुण्डली जमाये बैठे है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर डाॅ. गुप्ता डिप्टी सीएमओ के पद पर पदोन्नति होकर डिप्टी सीएमओ रैंक का वेतन ले रहे है तो फिर सीएचसी पर बतौर एमओ प्रैक्टिस क्यो कर रहे है ? क्यो बार-बार स्थानांतरण के बावजूद डाॅ. आनन्द प्रकाश गुप्ता सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामकोला को नही छोड रहे है ?
इस संबध मे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डाॅ. एसके विश्वकर्मा डाॅ. आनन्द प्रकाश के स्थानान्तरण के संबंध मे बातचीत की गयी तो उन्होने कहा कि वह पूर्व मे आदेश के अनुपालन मे वह दो बार डाॅ. आनन्द को सीएचसी से रिलीब कर चुके है किन्तु वह सीएमओ कार्यालय से अपना स्थानांतरण रुकवा लेते है। 12 मार्च – 2025 को हुए स्थानांतरण के संबंध मे पूछे जाने पर अधीक्षक ने कहा कि वह सीएमओ स्तर से इस आदेश को निरस्त करा चुके है ऐसा उनका कहना है।
वहीं कहना ना होगा कि सीएचसी अधीक्षक डाॅ. एसके विश्वकर्मा वर्ष 2015 से जनपद के रामकोला सीएचसी पर तैनात है। बताया जाता है कि यहा जमे चिकित्सक इनसे सीनियर है इसलिए वह दलालो को रोकने चिकित्सको पर कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहे है। जानकारों की माने तो ही तकरीबन एक दशक से एक ही सीएचसी पर जमे डाॅ. विश्वकर्मा स्थानांतरण नीति को खुला चुनौती दे रहे है जब स्थानांतरण नीति के अनुसार एक सीएचसी पर किसी भी डाक्टर को तीन वर्ष से अधिक रहने का प्राविधान नही है। बावजूद इसके डाॅ. विश्वकर्मा स्थानांतरण नीति की धज्जियाँ उडाने रहे है।
इस संबध मे मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. अनुपम भास्कर का कहना है कि इस प्रकरण की उन्हे कोई जानकारी नहीं है, मामला संज्ञान मे आया है जांच कर कार्यवाही की जायेगी।

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