पडरौना/कुशीनगर :: प्रसूता को संक्रमित प्लेटलेट्स चढ़ाकर मारने के मामले में हुआ मुकदमा दर्ज

🔴 एमएस और एसएसपी हास्पिटल सहित संचालक और चिकित्सकों पर मुकदमा दर्ज।
आदित्य प्रकाश/सतेन्द्र पाण्डेय, कुशीनगर केसरी, कुशीनगर। जिले में एक प्राइवेट हास्पिटल के द्वारा कमीशन तयकर दुसरे निजी हास्पिटल पर मरीज को भेजा गया, जहां चिकित्सकों ने महिला को संक्रमित प्लेटलेट्स चढ़ाकर प्रसूता की जान ले ली। इस जघन्य कृत्य में पडरौना के सोहरौना स्थित एसएस हास्पिटल, कसया के बुद्धा चैरिटेबल ब्लड बैंक व एसएसपी हास्पिटल शामिल है। बता दें जनपद में मरीजों के परिजनों का गाढ़ी कमाई लूटने के बाद मरीजों के जिन्दगी से खिलवाड़ करने वाले गैर जिम्मेदार चिकित्सक व हास्पिटलों की एक और कारस्तानी सामने आयी है। वहीं कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने रवीन्द्रनगर थाने में किशन कुशवाहा, डॉ. राजन सिंह, डॉ. राजकुमार कुशवाहा, डॉ. गिरीश सिंह बघेल, नर्स व एक अज्ञात डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
बताते चलें कि जिले के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के पिपरावर निवासी महबूब आलम की पत्नी हिना खातून गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा होने पर परिजन 4 सितंबर 2024 को प्रसूता को लेकर रवीन्द्रनगर स्थित मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां चिकित्सको ने जांच के बाद हालत गंभीर बताकर प्रसूता को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। वहीं प्रसूता के पति महबूब आलम का आरोप है कि वह अस्पताल से बाहर निकल कर एंबुलेंस की तलाश कर रहे थे तभी वहां एक व्यक्ति पहुंचा और कहा कि मुझे किशन कुशवाहा ने भेजा है। आप एमएस हास्पिटल चलिये वहां पर आपरेशन हो जायेगा। महबूब आलम ने बताया कि मरीज की हालत बिगड़ती देख वह होश-हवाश खो बैठा था, तभी वह व्यक्ति मरीज को एम्बुलेन्स में लेकर एमएस हास्पिटल सोहरौना आ गया, जहां डाॅ. राजन सिंह व राजकुमार कुशवाहा ने मरीज का ईलाज शुरू करते हुये कहा कि मरीज का प्लेटलेट्स कम है, चढ़ाना पड़ेगा। इसके बाद वह लोग एक पर्ची देकर कहे कि आप बुद्धा चेरिटेबल ब्लड बैंक कसया चले जाईये, हम वहा फोन कर दे रहे हैं। आपको प्लेटलेट्स मिल जायेगा। बुद्धा चेरिटेबल ब्लड बैंक कसया पहुंचने पर एमएस हास्पिटल सोहरौना का नाम लिख कर हमको प्लेटलेट्स दे दिया गया, जिसे लेकर वह फौरन एमएस हास्पिटल पहुंचे। उसके बाद एसएस हास्पिटल के डाक्टर व नर्स पीड़िता हिना का इलाज करते हुये प्लेटलेट्स चढ़ाने लगे। कुछ देर बाद हिना की हालत बिगड़ने लगी। यह देख एमएस हास्पिटल सोहरौना के अप्रशिक्षित डॉक्टर व नर्स आनन फानन में पीड़िता हिना को एम्बुलेन्स में रखकर एसएसपी मेमोरियल हास्पिटल कसया पहुंचा कर वहां से भाग निकले। इस दौरान एमएस हास्पिटल सोहरौना द्वारा हीना के उपचार के नाम पर कुल तीन लाख रुपये वसूल किये थे। वहीं मृतका के पति महबूब आलम ने अपने तहरीर मे कहा है कि वह एसएसपी मेमोरियल हास्पिटल पर अपनी पत्नी हिना को लेकर काफी परेशान था तभी डाक्टर गिरिश सिंह बघेल आये तथा हालत नाजुक बताते हुये बोले कि महिला का आपरेशन करना पड़ेगा नहीं तो जच्चा बच्चा दोनों की जान जा सकती है। इसके बाद रात्रि 10 बजे एसएसपी मेमोरियल हास्पिटल कसया के डाक्टर गिरिश सिंह बघेल द्वारा आपरेशन किया गया। जिसके बाद प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया। कुछ देर बाद महिला की तबीयत बिगड़ने पर यहां पर भी खून चढ़ाया गया। बाद में डॉक्टर बघेल ने मरीज को गोरखपुर सावित्री नर्सिंग होम रेफर कर दिया।
महबूब आलम ने आगे कहा कि जब वह गोरखपुर सावित्री हास्पिटल पहुचा तो यहां भी चिकित्सको ने मरीज का इलाज शुरू किया किन्तु मरीज की हालत में कोई सुधार न होने पर चिकित्सकों ने पीड़िता को सहारा हास्पिटल लखनऊ ले जाने का सुझाव दिया। सहारा हास्पिटल के चिकित्सकों ने बताया कि संक्रमित प्लेटलेट्स चढ़ाने से महिला की तबीयत गंभीर हो गई। सहारा हास्पिटल में नौ दिन इलाज के बाद हिना ने दम तोड दिया।
वहीं मृतका हिना के पति महबूब आलम ने आरोप लगाया कि पडरौना के सोहरौना स्थित एमएस हास्पिटल, कसया के बुद्धा चेरिटेबल ब्लड बैंक व एसएसपी मेमोरियल हास्पिटल कसया के चिकित्सकों ने मिलकर उसकी पत्नी को मार डाला। महबूब का कहना है कि इन लोगों ने इलाज में घोर लापरवाही बरतते हुए दवा चलाया जिससे उसकी पत्नी की मृत्यु हुई है।
बता दें रवीन्द्रनगर पुलिस द्वारा दर्ज किये मुकदमा में महबूब ने कहा कि जब वह शिकायत पत्र लेकर थाने पर गया तो एमएस हास्पिटल सोहरौना के मकान मालिक उनको फोन करके अपने हास्पिटल पर बुलाये जहां पहले से कसया के बुद्धा चेरिटेबल ब्लड बैंक व एसएसपी मेमोरियल हास्पिटल के डाक्टर व स्टाफ मौजूद थे जो उन्हें और उनके बच्चों को बन्धक बनाकर बन्दूक की नोंक पर कई सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाया और कहा कि जो करना है जाकर कर लो।
बताया जाता है कि थाने पर शिकायत देने के बाद जब पुलिस द्वारा इन दबंग हास्पिटल संचालकों व चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की तो महबूब आलम ने न्यायालय में गुहार लगायी। कोर्ट ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों पर गौर करने के बाद महबूब आलम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया। कोर्ट के आदेश पर रविंद्रनगर पुलिस ने किशन कुशवाहा, डॉ. राजन सिंह, डॉ. राजकुमार कुशवाहा, डॉ. गिरीश सिंह बघेल, नर्स व एक डॉक्टर का नाम पता अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस संबध मे रविंद्रनगर थानाध्यक्ष शरद भारती ने बताया कि कोर्ट के आदेश के पर केस दर्ज कर विवेचना की जा रही है। इसमें डॉ. गिरीश सिंह की मौत हो चुकी है, इनका अस्पताल भी बंद है।