कुशीनगर :: जमीन की दलाली कर आलमगीर कैसे बना कम्पनी का मालिक

🟣 पांच लाख रुपये, पांच साल का समय, आलमगीर ने खड़ा किया रेडहिल रियल स्टेट का एम्पायर।
🟣 धर्मांतरण व दुष्कर्म का मुकदमा हुआ है दर्ज।
सतेन्द्र पाण्डेय, कुशीनगर केसरी, कुशीनगर। धर्मांतरण व युवती के साथ जबरिया मुंह काला करने का आरोपी रेडहिल कंपनी के मालिक आलमगीर के पक्ष में सोशल मीडिया पर तमाम लोग द्वारा कसीदे गढ़े जा रहे हैं, कोई गरीबों का मसीहा बता रहा है तो कोई जरूरतमंदों का रहनुमा, लेकिन जो लोग आलमगीर का गुणगान कर रहे हैं वह यह नहीं बता रहे है कि पांच लाख रुपये लेकर बिहार से आकर कारोबार शुरू करने वाला आलमगीर महज छह वर्षो में इतना बडा एम्पायर खड़ा कर अरबपति कैसे बन गया ? क्या आलमगीर के हाथ मे अलाउद्दीन का चिराग लग गया है ? अगर नहीं तो इतने कम समय में अरबपति बनना अपने में एक बड़ा सवाल है जिसकी जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से होने के बाद हीं स्पष्ट होगा।
बताते चलें कि पड़ोसी राज्य बिहार के गोपालगंज जिले के निवासी आलमगीर पहले कमीशन पर जमीन की दलाली करता था। वर्ष 2019 में उसने अपने गांव की एक जमीन पांच लाख रुपये में बेचकर रेडहिल रियल स्टेट कम्पनी की स्थापना किया। कम्पनी के स्थापना के एक-दो वर्ष बाद आलमगीर के पास पैसो की बारिस होने लगी। नतीजतन जमीन की दलाली कर कमीशन के दम पर अपना जीविकोपार्जन करने वाला आलमगीर महज छह वर्षो मे ही एक बडा एम्पायर खडा करके अरबपति बन गया। सवाल यह उठता है कि इतने कम समय में फर्श से अर्श तक की लंबी यात्रा को आलमगीर ने सिर्फ छह वर्षो मे कैसे पुरा कर लिया ? जानकारों का दाबा है कि ईमानदारी से किये गये किसी भी कारोबार में इस तरह की तरक्की नामुमकिन है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या आलमगीर के रेडहिल रियल स्टेट कम्पनी के आड में कोई अवैध व गैरकानूनी कारोबार तो नही फलफूल रहा है? अगर नही तो फिर कही कोई आलमगीर को काला धन की फंडिंग तो नही कर रहा है ? इसके पीछे चाहे जो भी तर्क-कुतर्क हो लेकिन मुद्दा निष्पक्ष जांच का विषय है। हालाकि पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य फूलबदन कुशवाहा का सीधा आरोप है कि आलमगीर के रेडहिल कम्पनी मे शहाबुद्दीन के काला धन का फंडिंग होता है सच्चाई क्या है जांच का विषय है। लेकिन इस बात से इंकार नही किया जा सकता है कि आलमगीर के कारोबार में कही न कही लोचा जरूर है।
बीते दिनों आलमगीर से से उनके इंकम आफ सोर्स के बारे मे पूछा गया तो उन्होनें बताया कि उनके रेडहिल रियल स्टेट कंपनी मे युवक-युवतियां मिलाकर चार सौ से अधिक एम्प्लॉई है, प्रतिदिन दो सौ कर्मचारी बीस हजार रुपये ही प्लाट के एडवांस बुकिंग लाते है तो उनके रेडहिल कम्पनी को प्रतिदिन चालीस लाख रुपये की आय होती है। उन्होने बताया कि वह पांच लाख रुपये में अपने गांव की जमीन बेचकर कारोबार शुरू किया था। पांच लाख रुपये की जमीन खरीद कर उसे चार गुना दर बीस लाख रुपये में बेचा और ऐसे ही अपने कारोबार को आगे बढाया है।
जानकारों के मुताबिक प्लाटिंग करने से पहले खेती वाले जमीन को तहसील से आवासीय जमीन के रुप मे तब्दील कराने के बाद उस जमीन का प्लाटिंग करके बेचने का प्राविधान है। अब सवाल यह उठता है कि क्या रियल स्टेट कम्पनियां इस गाइडलाइन का पालन करती है ? आलमगीर के मुताबिक उनके कंपनी मे कार्यरत कर्मचारियों के सापेक्ष दो सौ कर्मचारी प्रति दिन बीस हजार रुपये की धनराशि एडवांस के तौर पर मतलब चालीस लाख रुपये कंपनी मे जमा करते है। इस हिसाब से 12 करोड रुपये मासिक और सलाना 144 करोड रुपये कम्पनी मे सिर्फ एडवांस धनराशि जमा होती है, तो क्या कम्पनी इस धनराशि का टैक्स जमा करती है? जबकि जमीन की पुरी धनराशि अभी बाकी है जो उपभोक्ताओं द्वारा रजिस्ट्री के दौरान धनराशि जमा किया जाता है। इसका ट्रैक्स अलग है।
सूत्रों के माने तो जनपद में जाली नोट कांड में भी आलमगीर के नाम की चर्चा जोरो पर थी, यही वजह है कि रेडहिल रियल स्टेट कम्पनी के मालिक आलमगीर पुलिस के रडार पर रहे। यह बात दीगर है इस प्रकरण मे वह साफ बच गये हालाकि सूत्रो का दावा है कि इस प्रकरण से बचने के लिए आलमगीर को लाखो रुपये पानी की तरह बहना पडा था। इसमे कितनी सच्चाई है मीडिया इसकी दावा नही कर रही है।
आपको बता दें बीते दिनों अनामिका नामक युवती ने तमकुहीराज थाना क्षेत्र के निवासी व जाली नोट के आरोप मे जेल की हवा खा चुके रफी उर्फ बबलू खान, नौशाद खान व रेडहिल के मालिक आलमगीर पर धर्मांतरण व दुष्कर्म किये जाने का आरोप लगाया था। पीडिता का आरोप है कि नौशान खान मुम्बई
से लौटने बाद उसे काम दिलाने के लिए कसया नगर पंचायत के निवासी व रेडहिल रियल स्टेट कम्पनी के मालिक आलमगीर अंसारी के घर रखवा दिया जहां से पीडिता को मिलने वाला वेतन नौशाद लेता था। पीड़िता का आरोप है कि इस दौरान रियल स्टेट कारोबारी आलमगीर उसके साथ मुह काला करता रहा, जब पीड़िता ने इस बात की जानकारी नौशाद को दी तो नौशाद ने यौन शोषण के बदले रेडहिल रियल स्टेट के मालिक आलमगीर अंसारी से मुआवजे के तौर पर मोटी रकम वसूल कर शान्त होगा।
पीड़िता के तहरीर पर पडरौना कोतवाली पुलिस ने रफी खान उर्फ बबलू खान, नौशाद खान उर्फ नाटा नबाब, जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, नीतू रोहरा उर्फ नसरीन, कसया स्थित रेडहिल रियल स्टेट के मालिक आलमगीर अंसारी, हाशीम खान, जमालुद्दीन, साहिल अंसारी, रितेश मिश्रा, तनवीर, इम्तियाज खान दीवान, इजहारूल खान एंव इरशाद खान के खिलाफ धारा 376(1), 376डी, 377, 342, 323,504,120बी,3 व 5(1) आदि संगीन धाराओं मे मुकदमा दर्ज किया है।