देवरिया :: बेसिक शिक्षा अधिकारी कभी दौड़ा करते नही आई नजर

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कभी मौके पर पहुचे शिक्षा जगत के उच्चाधिकारी , तस्वीर होगी साफ

कुशीनगर केसरी ब्यूरो, देवरिया। जनपद की बेसिक शिक्षा अधिकारी कभी दौड़ा करते नजर नही आई- यह चर्चा है। कभी मौके पर अगर पहुचे शिक्षा जगत के उच्चाधिकारी तो तस्वीर साफ हो जाएगी और सरकार की मंशा नजर आएगी।

मिली जानकारी के मुताबिक जिन सरकारी प्राथमिक स्कूलों में बच्चे नही होंगे , फिर उन स्कूलों में मास्टर रहकर क्या करेंगे? यह लंबे समयों से चर्चा का विषय बनाया हुआ है। आज स्थिति सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की क्या हो गई है? अब मात्र बच्चे सिर्फ रजिस्टर में है न कि स्कूलों में , फिर जब कोई अभियान स्कूल चलो का निकलता है हुसियार मास्टर माइंड शिक्षक संख्या गिनाने के लिए क्षेत्र के कई प्राथमिक स्कूल के बच्चों को बुलाकर सैकड़ो की गिनती करा देते है। फोटो सरकारी बेवसाइट पर अपलोड करते है और सरकार सहित उच्चाधिकारियों को मूर्ख बनाते है। हम बात कर रहे है विकास खंड पथरदेवा के क्षेत्र में आने वाले सभी स्कूल की जहां नर्सरी में भी बच्चो की संख्या नही पाई जाती है। प्राइमरी स्कूल की तो बाते अनोखी है यहा तो नर्सरी के बच्चों से भी गिरा-गुजरा संख्या देखने को मिलता है। सरकारी प्राथमिक स्कूल के नामांकन रजिस्टर तो वेल मेंटेन होता है परन्तु बच्चो की उपस्थिति कभी भी कोई अधिकारी देखने मौके से नही जाता है। रजिस्टर में अधिक संख्या पर बच्चो के नाम पर उनके लिए अनेको लाभ उठाएं जाते है। परन्तु वह लाभ सिर्फ अध्यापकों और अंगबाड़ी केंद्रों के महिलाओं के लिए होते है जो समय समय पर सरकारी सामग्री को बेचकर आंनद उठाते है। सूत्रों का कहना है कि विकास खण्ड पथरदेवा सहित पूरे उत्तर-प्रदेश की अधिकतर स्कूल की दिन दशा यही है जहां बच्चे मौके से नही है परन्तु शिक्षकों का वेतन का भूख भारी मात्रा में दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। आज भाजपा की सरकार ने जो स्कूलों को विलय करनी की योजना बना रही है वह इस कंडीशन में सत्य चरितार्थ हो रहे है। संवाद

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