पश्चिमी चम्पारण/बिहार :: गंगा मइया के जयघोष सहित स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा आयोजित की गई 143 वीं नारायणी गंडकी महाआरती

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डेस्क कुशीनगर केसरी, वाल्मीकिनगर(प0चं0), बिहार। भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित बेलवा घाट परिसर में ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर 143 वीं नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं अंतर्राष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत राज जिमरी नौतनवां के मुखिया खूबलाल बड़घडिया, विशिष्ट अतिथि निर्माता एचेल थारू, सम्मानित अतिथि सत्येंद्र सिंह, सुमन देवी, फाइटर जयदेव कुमार, सशस्त्र सीमा बल के त्रिदेव प्रसाद, गायक शिवचंद्र शर्मा, स्वास्थ्यकर्मी कुमारी संगीता, गायक बालकृष्ण प्रसाद, कीर्तनकार चंदू खतइत, अभिनेता सोनू चौधरी एवं कामेश्वर श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया।
इस दौरान मुख्य अतिथि खूबलाल ने कहा कि अब यह महाआरती इस स्थल की पहचान बनती जा रही है। अब तक इस मंच द्वारा हजारों पौधों का वितरण किया जा चुका है। वहीं विशिष्ट अतिथि निर्माता एचेल थारू ने कहा कि नारायणी नदी का इतिहास अति प्राचीन है। फाइटर जयदेव कुमार ने कहा कि लड़के लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए मैं जूडो कराटे की ट्रेनिंग देता हूं, मेरे ऐसे लोगों के लिए महा आरती एक बड़ा प्लेटफार्म साबित हो रहा है। यूट्यूबर सोनू चौधरी ने कहा कि संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जन जागरूकता फैलाई जा रही है। इस मौके पर पंडित रामेश्वर तिवारी ने कहा कि सत्यनारायण भगवान की कथा से सांसारिक दुखों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाप्रसाद की व्यवस्था मुख्य अतिथि खूबलाल बड़घड़िया एवं स्वास्थ्यकर्मी कुमारी संगीता द्वारा की गई। रुद्र नेचुरल हनी एवं शॉप के प्रबंधक सत्येंद्र सिंह एवं सुमन देवी ने संयुक्त रूप से कहा कि स्थानीय लोगों को साबुन और शहद निर्माण का प्रशिक्षण देकर रोजगार देने की कोशिश की जा रही है। हरे कृष्णा मंडली द्वारा घंटों भजन कीर्तन गाकर नारायणी गंडकी महाआरती की महिमा बताई गई। दिल्ली से आए भक्त गोविंदा ने कहा कि जानकर खुशी हुई कि उक्त संस्थान द्वारा लावारिस दिव्यांगजनों को हर दिन भोजन दिया जाता है। वहीं दरिद्र नारायण भोज का आयोजन सबसे बड़ा धर्म और सबसे बड़ी सेवा है। प्रियंका सौरभ ने कहा कि संस्था द्वारा बेंगलुरु, औरंगाबाद, वाल्मीकिनगर आदि शहरों में दरिद्र नारायण भोज का आयोजन एक ऐतिहासिक पहल है। संचालन निर्माता एचेल थारू ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन सत्येंद्र सिंह ने किया। इस मौके पर हिरमती देवी, लेखक हरिद्वार प्रसाद, शिव शिष्या प्रियंका सौरभ, ममता देवी, राम कुमारी देवी, मधु देवी, राजन कुमार, मुरारी कुमार, मनोरमा देवी, लक्ष्मीना देवी, रूणती देवी, सुनैना देवी, आभा देवी, सुनीता देवी, बेलासी देवी, बबीता देवी, पूनम देवी, मुकेश कुमार एवं धमाका फिल्म के निर्माता अरविंद अकेला की भूमिका सराहनीय रही। पंडित रामेश्वर तिवारी ने कथा पूजा हवन द्वारा विश्व शांति की कामना किया। विदित हो कि संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद, राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी व संस्थापक डी. आनंद विशिष्ट सामाजिक एवं आध्यात्मिक कार्यों के लिए भारत नेपाल में कई सम्मानों से सम्मानित हो चुके हैं। संगम तट पर गंगा मैया की जय, वाल्मीकिधाम की जय, नारायणी गंडकी माता की जय, सत्यनारायण भगवान की जय आदि नारे गूंजते रहे।

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