कुशीनगर :: सीएमओ साहब ! आखिर में कब बधेगा साहब का बोरिया-बिस्तर

🛑 सीएचसी अधीक्षक का कथित ड्राइवर व मशहूर दलाल करन यादव का सीएचसी पर दबदबा कायम।
डेस्क कुशीनगर केसरी, रामकोला, कुशीनगर। जिले के रामकोला सीएचसी के स्थानीय लोगों में चर्चा जोरों पर है कि डाॅ. विश्वकर्मा जब से यहां तैनात है तब से यह सीएचसी दलालों के वर्चस्व का अखाड़ा बन गया है। मतलब यह कि सीएचसी प्रभारी द्वारा कथित तौर पर रखे गये ड्राइवर व आम लोगों में दलाल के रुप मे चर्चित (जिसके इशारे पर सीएचसी प्रभारी बाहर की दवा व जांच लिखते है) करन यादव का पूरे सीएचसी पर दबदबा कायम है। इसको लेकर स्थानीय लोगो में रोष व्याप्त है जो पूर्व मे फूट चुका है और आगे भी फूटने की संभावना है। स्थानीय लोगो का कहना है कि शासनादेश को ठेंगा दिखाकर अंगद की पांव की तरह जमे सीएचसी अधीक्षक को यहां से हटाया नही गया तो वह जिलाधिकारी व सीएमओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगें। आखिर में सीएमओ साहब…! तकरीबन एक दशक से कुण्डली जमाये बैठे सीएचसी अधीक्षक एसके विश्वकर्मा की कब होगी रामकोला सीएचसी से बिदाई ?
बताते चलें कि 26 मई-2015 को डाॅ. शेष कुमार विश्वकर्मा की तैनाती कुशीनगर जनपद के रामकोला सीएचसी पर हुई थी और तब से आज तक वह बतौर सीएचसी अधीक्षक कुण्डली जमाये बैठे है। वहीं जानकार बताते हैं कि वर्ष 2015 से रामकोला सीएचसी पर कुण्डली जमाये बैठे डाॅ. विश्वकर्मा की तैनाती तबादला नीति और शासनादेश के खुला उलंघन का एक मिसाल है। यहीं वजह है कि वह ओपीडी में बैठकर बाहर की महंगी दवा व जांच लिखने से गुरेज नहीं करते हैं।
वहीं सूत्रो की मानें तो सीएचसी अधीक्षक डाॅ. विश्वकर्मा बाहर की महंगी दवा व जांच अपने कथित ड्राइवर व चर्चित दलाल करन यादव के इशारे पर लिखते है। सूत्रों का यह भी दावा है कि टू कार्लर पर अपने नाम के आगे खुद को डाक्टर लिखकर भौकाल टाइट करने वाला करन यादव हीं मेडिकल स्टोर, डायग्नोस्टिक सेंटर और अवैध रुप से संचालित हास्पिटलों से वसूली करके साहब का जेब भरता है, इसलिए अधीक्षक करन को अपने ओपीडी में साथ रखते है। सूत्रों के इस दावे मे कितनी सच्चाई है यह निष्पक्ष जांच का विषय है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि धुंआ वही उठता है जहां चिंगारी सुलगती है।
वहीं कहना ना होगा कि बीते वर्ष बाहर की दवा लिखने और रुपये की लेन-देन को लेकर सीएचसी परिसर में मेडिकल स्टोर व स्थानीय लोगो ने अधीक्षक के चहेते करन यादव की कुटाई कर ओपीडी में हीं बंद कर दिया था। इस दौरान सीएचसी के कार्यो को संपादित करने के लिए करन द्वारा लगाये गये अपना खुद का चार पहिया वाहन पर भी लोगों ने अपना गुस्सा उतारा था। सूत्रो का कहना है कि उस समय करन यादव अधीक्षक का ड्राइवर नहीं बल्कि बतौर गाड़ी मालिक सीएचसी पर रहकर अधीक्षक का कारखास बना हुआ था। वहीं एक मेडिकल स्टोर वाले ने बताया कि कुटाई के बाद करन सार्वजनिक तौर पर कहा था कि वह कभी सीएचसी पर दिखाई नही देगा। इसके बाद वह अपनी गाडी हटाकर सीएचसी पर लगाये गये किसी अन्य के गाडी का कथित ड्राइवर बन प्रभारी चिकित्साधिकारी का चहेता बनकर सीएचसी पर दबदबा कायम रखा है। जिसको लेकर मेडिकल स्टोर व स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है जो अधीक्षक डाॅ विश्वकर्मा व उनके पाले गये कारखास को हटाने की मांग को लेकर सीएमओ व जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।